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मेरा नाम मीनाक्षी है मेरा पढ़ने का बिल्कुल मन नहीं करता है परंतु पेरेंट्स की वजह से मुझे क्लास आना पड़ता है मेरा आज भी आने का मन नहीं था लेकिन चिगम खाना था इसलिए मैं आज आई हु
कुछ लोग समझते है की मुझे कुछ नहीं आता है लेकिन मैं चारसो शब्दार्थ लिख चुकी हु परंतु उनमें से मात्र दस परसेंट याद किए है मैं सारा दिन सबकुछ खाती रहती हु मैं कच्ची सब्जियां खाती हु और कभी कभी चावल भी मुझे कोई नहीं मारता है लेकिन फिर भी तकरीबन हर रोज पिटती हु मुझे कभी कभी पानी की बोतले भरनी पड़ती है लेकिन घर के काम करना मेरे वश की बात नहीं है मैं टाईम पास करने के लिए पढ़ सकती हु परतु पढ़ाई भी मेरे वश की बात नहीं है मुझे पता है मैं क्लास में फर्स्ट नहीं आउंगी परंतु सिर्फ पास होना मेरे लिए बहुत बड़ी अचीवमेंट होगी
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